
भारतीय कानून में यदि कोई व्यक्ति कोर्ट में झूठी गवाही देता है और किसी निर्दोष व्यक्ति को गलत तरीके से फँसाता है, तो यह एक गंभीर अपराध माना जाता है। इसके लिए भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code – IPC) में विशेष धाराएं हैं जो ऐसी हरकतों पर सख्त सजा का प्रावधान करती हैं।
यहाँ कुछ प्रमुख धाराएं हैं जो झूठी गवाही और झूठे आरोपों से संबंधित हैं:
- IPC की धारा 191 (Section 191 – False Evidence)
यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर कोर्ट में झूठी गवाही देता है, तो उसे झूठे साक्ष्य देने का दोषी माना जाएगा।
इसमें यह भी शामिल है कि वह गवाही शपथ पर हो या किसी वैध कानूनी प्रक्रिया के तहत दी गई हो।
सजा:
3 साल तक की कैद, और/या
जुर्माना।
- IPC की धारा 192 (Section 192 – Fabricating False Evidence)
यदि कोई जानबूझकर कोई झूठा दस्तावेज़ या साक्ष्य बनाता है जिससे कोर्ट को गुमराह किया जा सके।
सजा:
वही जो धारा 191 के अंतर्गत है।
- IPC की धारा 193 (Section 193 – Punishment for False Evidence)
यदि कोई कोर्ट में झूठी गवाही देता है या झूठा साक्ष्य बनाता है।
सजा:
यदि यह गवाही कोर्ट की कार्यवाही में दी गई है:
7 साल तक की सजा, और जुर्माना।
यदि यह कोर्ट के बाहर (लेकिन कानूनी प्रक्रिया में) दी गई है:
3 साल तक की सजा, और जुर्माना।
- IPC की धारा 195 (Section 195 – False complaint to public servant)
अगर कोई झूठा आरोप लगाता है, तो कोर्ट तब तक कोई कार्यवाही नहीं कर सकती जब तक संबंधित सरकारी अधिकारी (जैसे पुलिस या मजिस्ट्रेट) खुद इसकी शिकायत न करे। - IPC की धारा 211 (Section 211 – False charge of offence made with intent to injure)
अगर कोई जानबूझकर किसी के खिलाफ झूठा केस करता है कि उसने कोई अपराध किया है, जबकि असल में उसने नहीं किया।
सजा:
सामान्य अपराध के झूठे आरोप पर:
2 साल तक की कैद, और/या जुर्माना।
अगर आरोप गंभीर अपराध (जैसे कि जो फांसी या उम्रकैद योग्य हो) का है:
10 साल तक की सजा, और जुर्माना।
निष्कर्ष:
यदि कोई व्यक्ति किसी निर्दोष को झूठी गवाही देकर फँसाता है, तो उसे भारतीय कानून के तहत गंभीर सजा हो सकती है — विशेषकर यदि उसका झूठ किसी की आज़ादी या जीवन को प्रभावित करता है।
अगर आपको किसी मामले में झूठी गवाही से नुकसान हुआ है, तो आप:
संबंधित थाने में FIR दर्ज कर सकते हैं।
कोर्ट में आवेदन देकर उचित कार्यवाही की माँग कर सकते हैं।
उच्च न्यायालय में अपील भी कर सकते हैं।