1-बिटिया :
मेरी बिटिया प्यारी है,
सारे जग से न्यारी है।
बड़ी बड़ी भोली आंखे
खुशियों की झोली आंखे।।
बिटिया रोज़ नहाती है,
फिर पढ़ने को जाती है।
शाम ढले घर को आती,
फिर कुछ थोड़ा सा खाती।।
अपना काम स्वयं करती,
मेहनत से न कभी डराती।
हर दिन करती पूरा काम,
फिर जाकर करती आराम।।
By हरिश्चंद्र
2-हुआ सबेरा
पूरब की गलियों से देखो,
दिन का राजा आया।
एक एक सब तारे भागे,
चांद बड़ा शरमाया।।
चिड़ियों ने भी चहक चहक कर,
मीठा गाना गाया।
कलियां खोल रही है आंखे,
फूल फूल मुसकाया।।
देखो,एक किरण खिड़की से,
तुम्हें जगाने आई।
छोड़ो नींद,उठो मुंह धोलो,
मां पानी ले आई।।
By हरिश्चंद्र
3- आ रे ! चंदा मामा आ
आ रे ! चंदा मामा आ,
अपनी विमल चांदनी ला।
धरती पर अंधियारा है,
तू उजियारा लेकर आ।
खीर पकाई है मां ने,
जल्दी से आकर खा जा।
मां भी खुश हो जायेगी,
तभी बजाऊंगा बाजा।।
किरणों की डोरी थामे,
अंबर से नीचे तो आ।
तू मां का भैया है तो,
जल्दी मेरे घर आ जा।।
By- शिशुपाल सिंह ‘ निर्धन ‘