बच्चों को मोबाइल से दूर कैसे रखें (How to Keep Your Child Away from Mobile (Smarthphone) in hindi)
मोबाइल का नाम लेते ही ,बचा हो या बुजुर्ग सब को समझ आ जाता है,जिसके इस्तेमाल से हम मीलोदुर सेकेंड में अपने मन की बात हो या कोई संदेश हम आसानी से पहुंचा सकते है।इतना ही नही हम उनसे बात के साथ साथ उनको देख भी सकते है कि वे किस हालत में है।लेकिन ये बात भी बहुत पुरानी हो चुकी है,हम मोबाइल ले मदद से बहुत सारे काम कर सकते है,जिसमे नेक काम के साथ साथ बुरे काम भी शामिल है।हम मोबाइल पर इतना आश्रित हो चुके है कि,हम अपने बीबी के बिना रह सकते है लेकिन मोबाइल के बगैर नही।इस प्रकार मोबाइल का अत्यधिक उपयोग हमारे शरीर और मस्तिष्क को बहुत बीमार बनाने में सक्षम है, ख़ास कर छोटे बच्चो के लिए ,क्यों की उनका शरीर एक व्यस्क की तुलना में बहुत ही कोमल और नाज़ुक होता है,उनके शरीर के ऊपर मोबाइल रेडिएशन का ज्यादा तेजी से कुप्रभाव पड़ता है। आधुनिक दौर में स्मार्टफोन ने संचार की दुनिया में क्रांति तो ला दी है जैसे इंस्टेंट मैसेजिंग, कॉलिंग, इंटरनेट इस्तेमाल,इंटरनेट / वीडियो कॉलिंग और भी बहुत कुछ ।मोबाइल इस्तेमाल के लिए मिलियन एप्स ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है । आबादी का सबसे प्रभावित युवा पीढ़ी क्षेत्र जो स्मार्टफोन की लत का शिकार हो रहा है। आजकल के जो बच्चे धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं, वह टीनएजर नहीं हो रहे हैं, बल्कि वह सभी स्क्रीनएजर हो रहे हैं। बच्चे जैसे जैसे बढ़ते जा रहे हैं, वैसे वैसे उनका स्क्रीन टाइम बढ़ता जा रहा है, जो कि हमारे युवा पीढ़ी के लिए काफी खतरनाक है। अत्यधिक स्मार्टफोन का प्रयोग करने से बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। जिसे हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे की बच्चों में स्मार्टफोन की लत को छुड़ाने के उपाय क्या क्या हो सकते है और कैसे हम सभी अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
बच्चों को मोबाइल से दूर कैसे रखें (How to Keep Your Child Away from Mobile (Smarthphone) in hindi)
बच्चे क्यों मोबाइल फोन देखते हैं / क्या ऐसा कारण है कि बच्चे अत्यधिक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं?
मुख्यतः विशेषज्ञों का मानना है कि 6 माह का नवजात शिशु तरह-तरह के चित्रों और रंगो को देखकर उनकी ओर आकर्षित होता है और यही कारण है, कि मोबाइल फोन के प्रति बच्चों का आकर्षण बढ़ता चला जाता है। मोबाइल फोन से जो रोशनी निकलती है और जो उसमें अलग अलग तरीके से चित्र दिखाई देते हैं, वह सभी बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। मोबाइल फोन से जो आवाजें निकलती है, उनका प्रयोग करने के दौरान बच्चों में उसके बारे में जानने, समझने और उनको छूने के लिए उत्सुकता बढ़ती है। यही कारण है, कि बच्चे मोबाइल फोन देखने और चलाने के लिए उत्तेजित होने लगते हैं और उनके माता पिता बड़े ही आसानी से उनकी इस इच्छा को हर वक्त पूरा करते रहते है।जिस से उनको मोबाइल की लत लग जाती है।
बच्चों को स्मार्टफोन/ मोबाइल फ़ोन प्रयोग करने के नुकसान ?
बच्चों में स्मार्टफोन / मोबाइल फोन के प्रयोग से कई सारी समस्याएं भी हो सकती हैं। जिनमें से कुछ हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैंजो निम्नवत हैं।
1- बच्चों में फिजियोलॉजिकल एडिक्शन की समस्या –
इस समस्या को आप किसी भी प्रकार की भौतिक वस्तु पर रुझान का होना कह सकते हैं। आसान शब्दों में आप किसी भी वस्तु के प्रति लत लगना कह सकते हैं। कम उम्र के दौरान बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन आ जाने से उनका उससे अत्यधिक लगाव हो जाता है, जिससे उनको इसकी लत लग जाती है और यह स्थिती पैदा हो जाता है कि उन्हें खाने-पीने और सोने तक का भी ख्याल नहीं रहता है। इसी समस्या को हम फिजियोलॉजिकल एडिक्शन कहते हैं।
2- पल-पल बच्चों के मूड में बदलाव का होना –
आज कल के बच्चों में मूड स्विंग की समस्या आम हो गई है। इस समस्या के होने से वह पल भर में खुश, तो पल भर में चिड़चिडे एवं मायूस हो जाते हैं। अत्यधिक स्मार्टफोन के प्रयोग से बच्चों में मूड स्विंग की समस्या होने का खतरा उच्च रूप से रहता है। जो इमोशनली हमे ,उनको मोबाइल पाने की ज़िद को पूरा करने के लिए मजबूर भी करता है।
3- मोबाइल फोन के प्रयोग से कैंसर का खतरा होना मुख्यतः आम बता है –
बच्चों के स्मार्टफोन प्रयोग करने से होने वाली समस्याओं से संबंधित एक अध्ययन में पाया गया कि स्मार्टफोन से निकलने वाला रेडिएशन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण भी बन सकता हैऔर साथ ही साथ , ब्रेन ट्यूमर होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
4 -बच्चों में नर्वस डिसऑर्डर की समस्या –
जैसा कि हम सभी जानते हैं मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से बच्चों को कई सारे गंभीर स्वास्थ्य विकार होने का खतरा रहता है। जिसमें तंत्रिका से जुड़ी हुई समस्याएं भी शामिल हैं ।वैसे तो तंत्रिका विकार में कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, परंतु साधारण तौर पर इसकी वजह से चलने, बोलने, सांस लेने, किसी भी चीज को निगलने और सीखने की क्षमता मे कमी आ जाती है।
5 – लर्निंग डिसेबिलिटी की समस्या का होना –
अधिक टेक्नोलॉजी के कारण बच्चों में पढ़ाई करने का तरीका बदल गया है। अब के बच्चे गणित के कठिन से कठिन सवाल हल करने के लिए मोबाइल फोन या फिर केलकुलेटर का सहारा लेते हैं, जो हमारी और आपकी तरह रफ पेपर पर गुणा, भाग करने से कहीं ज्यादा आसान होता है। यही कारण है कि बच्चों की याददाश्त में कमी आती जा रही है। सिर्फ एक क्लिक के माध्यम से इंटरनेट के जरिए सभी जानकारी हासिल कर लेते हैं। जिससे उनको कुछ भी याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। यही सबसे बड़ा कारण है कि बच्चे नॉर्मल तरीकों से पढ़ना भूल गए और साधारण सी कैलकुलेशन के लिए भी वह कैलकुलेटर का प्रयोग करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।इतना ही नही, मैनुअली तरीके से पढ़ने का फायदा यह होता है, कि आपका दिमाग तेज होता चला जाता है, जिससे याददाश्त शक्ति में धीरे – धीरे बढ़ोतरी होती रहती है।
6 – व्यवहार संबंधित समस्या –
यदि आपके बच्चे बाहर जाकर खेलने के बजाय स्मार्ट फोन में गेम खेलने में बिजी रहते हैं, तो उनको बिहेवियर प्रॉब्लम हो सकती है। यह समस्या उन बच्चों में ज्यादा हो जाती है, जो बच्चे अपने हमउम्र के साथ खेलते हैं। इसीलिए बच्चों को फिजिकली खेलने के लिए उत्साहित करते रहना चाहिए।
7- बच्चों में अनिद्रा की समस्या होना –
बच्चे स्मार्टफोन के जरिए गेम खेलते हैं, कार्टून देखते हैं। नई-नई चीजें देखते और सीखते हैं। वे रात रात भर जाग कर ये सब चीजें देखते रहते हैं, जिससे बच्चों में स्मार्टफोन के प्रति रूचि बढ़ने लगती है । जिससे उनको सुबह जल्दी उठने में समस्या होने लगती है। इसी आदत की निरंतरता के वजह से बच्चों में अनिद्रा जैसी बीमारी के होने का खतरा अत्यधिक हो जाता है जिस वजह से बच्चो में चीड़ चिड़ा पन आ जाता है।
8 – बच्चों में काल्पनिक दुनिया में रहने की समस्या का उत्पन्न होना –
स्मार्टफोन एक ऐसा जरिए है जिस के माध्यम से सोशल साइट पर बच्चे आपसे नजर बचाकर ज्यादा से ज्यादा समय अपने वर्चुअल दोस्तों के साथ इस हद तक व्यतीत करते हैं कि रियल दोस्त बनाना पसंद ही नहीं करते । इसी तरह काल्पनिक दुनिया में वे खोए रहते हैं, और उनको रियल की दुनिया से कोई भी मतलब नहीं रहता है। जिसका प्रभाव उनपर इस तरह पड़ता है कि वह पढ़ाई और बाकी चीजों में पिछड़ने लगते हैं। जो कि बच्चों के भविष्य के लिए बहुत ही खतरनाक सिद्ध हो सकता है और जाने अंजाने में पैरेंट्स को , एक छोटी सी गलती बहुत भरी पड़ता है।जिस बच्चे को वह बुढ़ापे की लाठी समझते है, लेकिन अच्छी पढ़ाई न हो पाने की वजह से उनका ये सपना टूट जाता है।
9 – सिर दर्द की समस्या का होना –
लंबे समय तक स्मार्टफोन का प्रयोग करने की वजह से बच्चों में सिर दर्द की समस्या हो सकती है ।
10 – बच्चों को कम उम्र में ही आंखों पे चश्मे का लगना –
स्मार्टफोन के प्रति अत्यधिक रूचि होने के कारण बच्चे लंबे लंबे समय तक स्मार्टफोन के स्क्रीन के सामने अपनी नजरे टिकाए रहते हैं। जिससे निकलने वाला प्रकाश उनकी आंखों को प्रभावित करता है। इस प्रकार उनको कम उम्र में ही आंखों की समस्या हो जाती है, और बच्चे को जल्द ही चश्मे का प्रयोग करना पड़ जाता है और आय दिन एसी समस्या आप को आसपास देखने के लिए मिलता है।
आप अपने बच्चों का ध्यान स्मार्टफोन से कैसे हटाए ? (How to Get Rid of Mobile Addiction for your Child)
सभी अपने बच्चों को स्मार्टफोन की लत से दूर करना चाहते हैं, परंतु करे तो कैसे करे ? इस समस्या को ध्यान में रखते हुवे, नीचे हमने कुछ तरीकों का वर्णन किया है ,जिस से आप अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखने में सफल हो पायेंगे।
1- आप अपने बच्चों के साथ में बैठकर क्वालिटी टाइम स्पेंड करें और उनको नई – नई चीजों के बारे में बताएं उनसे बातें करें और हो सके तो कुछ समय के लिए उनके साथ फिजिकल गेम भी खेलें। क्यों कि आज के समय में बच्चों से स्मार्टफोन को छीनना बहुत ही कठिन काम है, इस लिए आप स्मार्टफोन का प्रयोग करने के लिए , एक समय सुनिश्चित करें और इस रूटीन के तहत ही उनको मोबाईल दें।
2- बच्चे जब मोबाइल फोन देखते है तो उनके मन में भी उसको पाने की ललक पैदा हो जाती है,इस लिए आप बच्चों के सामने फोन का प्रयोग कम से कम करें और उनके साथ ज्यादा से ज्यादा बात -चीत करने की कोशिश करें।
3 – बच्चों को नेचर की तरफ आकर्षित करें , इससे बच्चों को नेचर के प्रति रुचि बढ़ेगी और उनको अपने कल्चर के बारे में भी जानने और समझने का मौका मिलेगा।
4 – स्मार्टफोन आप के बच्चो को मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार करता है तो आप अपने बच्चे को स्मार्टफोन की लत से दूर करने के लिए उसे आप किसी स्पोर्ट क्लब में ज्वाइन करा सकते हैं, जिससे बच्चा स्पोर्ट्स में रूचि तो लेगा ही साथ ही साथ बच्चे का स्वास्थ्य और शरीर भी स्वस्थ रहेगा।
5 – वैसे तो आज के मॉडर्न समय में हर कोई अपने बच्चे से कोई घरेलू काम काज नही करना चाहता है लेकिन अगर आपको ठीक लगे तो अपने बच्चों की क्षमता के अनुसार उनके साथ में मिलकर घरेलू कामों में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें । इससे बच्चे आत्मनिर्भर रहना सीखेंगे और खाली समय में स्मार्टफोन के प्रयोग के बजाय कुछ व्यवहारिक और सामाजिक ज्ञान भी प्राप्त कर सकेंगे।
6 – बच्चों को हो सके तो प्यार से समझाएं की स्मार्टफोन का प्रयोग उनके लिए काफी हानिकारक होता है, बच्चों उनके रुचि के हिसाब से डांस, म्यूजिक और पेंटिंग जैसे कामों को करने के लिए उत्साहित करें। ऐसा करने से उनका बेहतर तरीके से विकास तो होगा ही ,इसके साथ – साथ उनके बेक्तित्व में भी सुधार होगा।
बच्चों के लिए स्मार्टफोन के फायदे
आज के कोरोना कल में जिस तरह सारी दुनिया ऑनलाइन आ चुकी है इस मायनों में स्मार्टफोन का प्रयोग बच्चों के लिए जरूरी भी हो जाता है। स्मार्टफोन की वजह से सीखने, समझने और पढ़ाई के क्षेत्र में भी सहायता होता है। आइए जानते हैं, स्मार्टफोन प्रयोग करने के कुछ फायदे के बारे में –
1- एक दूसरे से बातचीत कर सकते हैं –
स्मार्टफोन से आप किसी भी समय, कहीं भी, किसी से भी आसानी से सेकेंडो में बात कर सकते हैं और मुसीबत में सहायता भी मांग सकते हैं। आप अपने गार्जियन को इसकी सूचना दे कर खुद को सुरक्षित भी रख सकते हैं।
2- सुरक्षा के नाते और सबूत जुटाने के लिए –
यदि आप अपने बच्चे को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो कहीं पर भी जाने से पहले अपने बच्चे को स्मार्टफोन में जीपीएस ऑन करके दे सकते हैं। जिससे आप,बच्चे की लोकेशन को लगातार ट्रैक कर सकते हैं और उसे सुरक्षित रख सकते हैं। किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर बच्चा अपने स्मार्टफोन के कैमरे के जरिए दुर्घटना का सबूत इकट्ठा कर सकता है, और अपने को स्वयं सुरक्षित रख सकता है।
3 – अपना जरूरी इनफॉर्मेशन सुरक्षित रखने के लिए –
जब मोबाइल का इतना चलन नही था, उस वक्त डाटा /इनफॉर्मेशन को कहीं भी ले जाने में बहुत कठिनाइयां होती थी। परंतु स्मार्टफोन के अंदर ही आप अपने किसी भी प्रकार के डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं और आसानी से कहीं पर भी ले जा सकते हैं। बच्चे अपने पढ़ाई से संबंधित किसी भी प्रकार के स्टडी मैटेरियल को सुरक्षित करके उनका इस्तेमाल कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं।
4 – पढ़ाई के लिए इसका प्रयोग –
आज कल पूरी दुनिया ऑनलाइन सर्विसेज प्रोवाइड करा रही है। इस दौर में स्मार्टफोन के माध्यम से छात्र अपनी बड़ी से बड़ी बुक के सॉफ्ट कॉपी को सेव करके रख सकता है और जरूरत पड़ने पर उसे कहीं भी प्रयोग कर सकता है। वह अपने अनुसार कई सारे बुक्स के सॉफ्टकॉपी को डाउनलोड करके उसे , अपने खाली समय में पढ़ सकता है। ऐसे में ऑनलाइन डाउनलोड की गई बुक को इबुक कहते हैं, जिसका प्रयोग कहीं भी आसानी से स्मार्टफोन के जरिए पढ़ने के लिए किया जा सकता है।
5 – किड्स एकेडमिक यूट्यूब चैनल –
मोबाइल में अच्छा कंटेंट देखा जाये तो वो फायदेमंद होता है। यूट्यूब पर बच्चों से जुड़ा एक चैनल आजकल बहुत चर्चा में है, जिसका नाम है किड्स एकेडमिक यूट्यूब चैनल। इस चैनल में सिर्फ बच्चों से जुड़ा एजुकेशनल कंटेंट दिखाया जाता है, जिससे बच्चों को नया कुछ सिखने के लिए मिलता है। आप बच्चों को इस तरह का चैनल दिखा सकते है, जहाँ उन्हें कुछ नया क्रिएटिव देखने और सिखने को मिलता हो।
6 – घर बैठे दुनिया भर की चीजों को जानने और समझने की आजादी –
आज के दौर में जानकारी का अभाव होना ,ये तो बस एक बहाना ही साबित होगा । क्यों कि स्मार्टफोन के जरिए बच्चा किसी भी प्रकार की जानकारी चाहे वह जिस भी लैंग्वेज में चाहे उसे हासिल कर सकता है। इसके लिए उसे घर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। वह अपने घर बैठे ही सभी प्रकार की जानकारी आसानी से हासिल कर सकता है। जिससे बच्चे का समय बचेगा । इस तरह किसी भी प्रकार की जानकारी घर बैठे हासिल करने के लिए मात्र स्मार्टफोन और इंटरनेट का होना आवश्यक है।