‘द कश्मीर फाइल्स‘ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री यकीनन किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं,उनकी ख्याति अब देश ही नहीं बल्कि विदेश के कोने कोने में है। द कश्मीर फाइल्स फिल्म कश्मीरी पंडितों के दर्द को बयां करती है और इनपर आज से 32 साल पहले हुवे अत्याचार और उनके ढेरो सारे दुखो और यातनाओं को बया करती है। जिसमें अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और मिथुन चक्रवर्ती जैसे सितारों ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म रिलीज होते ही सिनेमाघरों में हाउसफुल हो गई,इसके साथ ही साथ, कहीं कोई विवाद ,तो कहीं भावनाओं ने इस फिल्म को और डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को बेहद खास बना दिया। आइए इस लेख के माध्यम से विवेक की बायोग्राफी को जानने का प्रयास करते हैं।
हाइलाइट्स
- 1973 में विवेक का जन्म हुआ था।
- आईआईएमसी से पढ़ाई की है ।
- 2005 में, डायरेक्ट की अपनी पहली फिल्म।
Vivek Agnihotri: विवेक अग्निहोत्री को उनकी फिल्म द ताशकंद फाइल्स के लिए 67 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में बेस्ट स्क्रीनप्ले (डायलॉग) से सम्मानित किया गया है।
कौन हैं विवेक अग्निहोत्री?
विवेक अग्निहोत्री एक भारतीय हिंदी फिल्म डायरेक्टर हैं।जो आज द कश्मीर फाईल फ़िल्म को ले कर बहुत चर्चा में बने हुए हैं। 48 साल के विवेक का जन्म 10 नवंबर 1973 को इंदौर में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रभु दयाल अग्निहोत्री है और माता का नाम शारदा अग्निहोत्री है। अभिनेत्री पल्लवी जोशी से 1997 में विवेक की शादी हुई है और उनको एक बेटी और एक बेटा है। विवेक अग्निहोत्री को उनकी फिल्म द ताशकंद फाइल्स के लिए 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में बेस्ट स्क्रीनप्ले (डायलॉग) के लिए सम्मानित किया गया है। साथ ही जकार्ता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में उन्हें ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ के लिए बेस्ट राइटर और डायरेक्टर के सम्मान से भी नवाजा गया है।
शिक्षा और करियर
विवेक ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन से पढ़ाई की है और उसके बाद हार्वड से मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है। डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने अपने करियर की शुरुआत विज्ञापन एजेंसियों, ओगिल्वी और मैककैन के साथ की, और जिलेट और कोका-कोला अभियानों के लिए एक क्रिएटिव डायरेक्टर के रूप में काम किया। जहां उनको बहुत कुछ सीखने को मिला।
विवेक ने 1994 में टीवी धारावाहिकों के साथ काम करना शुरू किया जिस में वे डायरेक्शन और प्रोडक्शन से जुड़े रहे। विवेक ने 2005 में 1995 की हॉलीवुड फिल्म, द उसुअल सस्पेक्ट्स की रीमेक चॉकलेट के साथ फिल्मों में एक डायरेक्टर के रूप में शुरुआत की लेकिन ये फिल्म फ्लॉप रही और इसे नेगेटिव रिव्यू मिला,जिस से विवेक काफी मायूस हुए लेकिन ये तो बस शुरुवात थी ,विवेक की उड़ान अभी बाकी थी। इसी क्रम में 2007 में उनकी अगली फिल्म आई जिसका नाम था -‘धन धना धन गोल’। यह फिल्म यूके में एक अखिल एशियाई फुटबॉल टीम के बारे में है, जो ट्राफियां तो जीतती है लेकिन मैदान पर हुए भेदभाव का उनको बहुत सामना करना पड़ता है । इस प्रकार यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर अपना कमाल नहीं दिखा पाती है।
उसके बाद विवेक की अगली फिल्म- हेट स्टोरी के रूप में सामने आई, जिसके लिए भी उन्हें मिली जुली प्रतिक्रिया मिली और फिल्म ने एक मध्यम संग्रह किया। बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम और 2016 की फिल्म जुनूनियत ने भी बॉक्स ऑफिस पर काफी खराब प्रदर्शन किया। लेकिन नेगेटिव रिव्यू के बाद भी ज़िद ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। ताशकंद फाइल्स – हू किल्ड शास्त्री? इस फिल्म को आलोचकों से नेगेटिव रिव्यू प्राप्त हुआ लेकिन स्लीपर बॉक्स ऑफिस हिट बन गई साथ ही इस फिल्म ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता लिया। उनकी नई फिल्म, द कश्मीर फाइल्स ने तो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया ही ,इसके साथ ही साथ कश्मीरी हिंदुओं के ऊपर हुवे अत्याचार को पूरी दुनिया के सामने ला कर रख दिया है। यह फिल्म कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को दर्शाती है, जिन्हें 1990 में घाटी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था।