कोरोना वायरस का संक्रमण जिस प्रकार पूरे देश में देखने को मिला है,अब इस वायरस से निजात पाना मुश्किल ही नहीं , नामुमकिन लगाने लगा है क्यों की हर देश का अपना अलग अलग इनवायरमेंट होता है और उस देश के नागरिकों का वैसी ही इम्यूनिटी पॉवर होती है।जिस के वजह से कोरोना वायरस वहा के इनवायरमेंट के अनुरूप अपना रूप बदल लेता है। परेशानी तब होती है जब उस देश के नागरिक किसी और देश में ट्रेवल करते हैं जिसकी वजह से कोरोना वायरस भी वहा पहुंच जाता है लेकिन परेशानी तब होती है जब अलग इनवायरमेंट में उत्पन्न कोरोना वायरस किसी दूसरे देश में पहुंच जाता है और वहा के नागरिकों को गम्भीर परिस्थिति में डाल देता है,जिस वजह से इस प्रकार के कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हमारी रोगप्रतिरोधक छमता नहीं होने के कारण लोगो को अपनी जानें गवानी पड़ जाती है। ऐसे ही एक नए वायरस का संक्रमण पाया गया है जिसकी पुष्टि कोरोना वायरस XE के रूप में हुवा है। संक्रमण का पहला केस बुधवार को मुंबई में दर्ज किया गया है। कुल 376 सैंपल लिए गए थे, इनमें एक मरीज में कोरोना के XE वैरिएंट की पुष्टि हुई है।
Corona Virus XE Variant: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट XE ने भारत में भी दस्तक दे दिया है। इसके संक्रमण का पहला केस बुधवार को मुंबई में दर्ज किया गया है। कुल 376 सैंपल लिए गए थे, जिनकी जांच में एक मरीज में कोरोना के XE वैरिएंट के संक्रमण की पुष्टि हुई। इस वैरिएंट की शुरुआत युनाइटेड किंगडम से हुई थी। बीएमसी ने अपने ताजा सीरो सर्वे में बताया है कि शहर में XE वैरिएंट और कप्पा वैरिएंट के एक-एक मामले की पुष्टि हो चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 230 लोगों की रिपोर्ट सीरो सर्वे के लिए भेजी गई थी। इनमें से 21 लोगों को अस्पातल में एडमिट कराया गया है। किसी भी व्यक्ति को अब तक ऑक्सीजन या फिर गहन निगरानी की जरूरत नहीं पड़ी है ,तो इस बात का कयास लगाया जा सकता है कि इस नए प्रकार के कोरोना वायरस से ज्यादा खतरा नही है और ना ही बहुत चिंता करने की जरूरत है लेकिन फिर भी हमे सावधानी रखने की आवश्कता है जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और अपने हाथो को बार बार सेनेटाइज करते रहना।
XE वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो स्ट्रेन्स BA.1 और BA.2 को मिलाकर बना है। इसका पहला केस ब्रिटेन में पाया गया था और इसे XE वैरिएंट नाम दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि यह वैरिएंट सबसे तेजी से फैलने वाला साबित हो सकता है। भारत में कोरोना केसों में लगातार कमी देखी जा रही है और एक्टिव मामलों की संख्या तेजी से कम होते हुए 15 हजार से कम रह गई है। ऐसे में अब XE वैरिएंट का पाया जाना चिंताएं बढ़ाने वाला है। इससे अब तक मिली सफलता पर पानी फिरने का भी खतरा पैदा हो गया है।
एक छोटी सी लापरवाही पूरे भारत वर्ष के लिए महँगा पड़ सकता है।अभी भी हम कोरोना वायरस की मंदी से बाहर नही निकले है परंतु ये छोटी सी लापरवाही की वजह से फिर से हमे लॉक डाउन जैसी समस्या से गुजरना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में एक बार फिर से कोरोना सिर उठा रहा है। चीन की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शंघाई में लॉकडाउन की स्थिति है और एक दिन में लाखों टेस्ट किए जा रहे हैं। आईआईटी कानपुर के अनुमान के मुताबिक भारत में भी जून, 2022 तक कोरोना संक्रमण की चौथी लहर दस्तक दे सकती है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण हो चुका है। ऐसे में कोरोना की नई लहर के पहले की तरह घातक होने की आशंका नहीं है लेकिन इन सभी आसंकावो के बीच एक सरल उपाय , सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और अपने हाथो को सेनेटाइज़ करते रहना है।
जिस में हमे कोई भी लापरवाही नही करनी चाहिए नही तो इसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ सकता है।